
रांची, 01 अक्टूबर । रांची के डोरंडा स्थित झारखंड सशस्त्र पुलिस (जैप-1) कैंप में मां दुर्गा के उपासक गोरखा जवानों का नौ दिनों का अनुष्ठान महानवमी के दिन 101 बलि और फायरिंग के साथ संपन्न हो गया। इस अवसर पर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
महानवमी के अवसर पर बुधवार को गोरखा जवानों ने देवी मां की विशेष पूजा-अर्चना की। इस दौरान जैप-1 के जवानों ने शस्त्रों की भी पूजा की। पुजारी शाहदेव ने शस्त्र पूजन कराया। ऐसी मान्यता है कि शस्त्र की पूजा करने से वे कभी दुश्मनों के सामने धोखा नहीं देते हैं। महानवमी पर गोरखा जवानों ने मां के चरणों में अपने हथियार को अर्पित किए और फायरिंग कर मां को सलामी दी।
महानवमी के पावन अवसर पर सबसे पहले नौ कन्या रूपी माताओं की पूजा की गयी। उसके बाद जैप के जवानों की ओर से मां के चरणों में 101 बलि दी गयी। हर बलि के बाद मां को फायरिंग कर सलामी दी गयी। इस बटालियन में बलि और हथियारों की पूजा का अपना ही एक खास महत्व है।
रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राकेश रंजन ने बताया कि महानवमी के दिन जैप-1 कैंप में हमलोगों ने सबसे पहले नौ कन्याओं के साथ भैरव की पूजा की। इसके बाद हथियारों की पूजा की गयी। साथ ही मां दुर्गा से सभी जवानों के सुरक्षित रहने की कामना की गयी। झारखंड के सभी लोगों के लिए सुख, शांति और समृद्धि की कामना भी माँ सिद्धिदात्री से की गयी।
उल्लेखनीय है कि झारखंड में गोरखा जवान देवी दुर्गा की शक्ति रूप की पूजा सन् 1880 से करते आ रहे हैं। बटालियन के गठन से पहले ठीक ऐसी ही पूजा नेपाल में हुआ करती थी। लेकिन आज ये जवान रांची में भी यह पूजा करते हैं।