हुगली, 14 सितंबर। जादवपुर विश्वविद्यालय एक बार फिर विवादों के घेरे में है। सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद कैंपस स्थित झील से तृतीय वर्ष की एक छात्रा का शव बरामद हुआ। प्रारंभिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया है कि मद्यपान की हालत में पानी में गिरने से उसकी मौत हुई। इस घटना ने शिक्षा जगत में हलचल मचा दी है।

इस बीच, तृणमूल कांग्रेस के श्रीरामपुर से सांसद कल्याण बंद्योपाध्याय ने इस घटना के लिए सीधे तौर पर वामपंथियों को जिम्मेदार ठहराया। रविवार को उन्होंने आरोप लगाया, “एसएफआई और सीपीएम की वजह से ही जादवपुर की यह स्थिति हुई है। जहां भी वामपंथी होते हैं, वहां गड़बड़ी होती है। वे कभी सृजनात्मक काम नहीं कर सकते।”

जादवपुर विश्वविद्यालय में वामपंथी छात्र संगठनों की सक्रियता को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। खासकर सत्तारूढ़ तृणमूल ने कई बार आरोप लगाया है कि कैंपस में होने वाली हर अप्रिय घटना के पीछे तथाकथित ‘अति-वाम’ छात्रों की भूमिका होती है। इस बार भी कला विभाग की छात्रा की आकस्मिक मौत को लेकर सांसद ने उसी ओर इशारा किया।

कल्याण बंद्योपाध्याय ने आगे कहा, “वहां जो हुआ, उस पर कहने जैसा कुछ नहीं। लेकिन एसएफआई, सीपीएम और अति-वामपंथी मिलकर जादवपुर का माहौल खराब कर रहे हैं। महज 10% छात्रों की वजह से पूरे विश्वविद्यालय की छवि धूमिल हो रही है। कार्यक्रम होने पर रात 11-12 बजे तक छात्रों को कोई होश-हवास नहीं रहता।”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि, “वामपंथियों ने सत्ता में रहते भी कुछ नहीं किया और आज भी उनकी भूमिका वैसी ही है। जादवपुर से अब प्रतिबंधित वस्तुएं तक मिल रही हैं। वहां नशाखोरी फैली है और इसमें शामिल सब वामपंथी ही हैं।”

हालांकि, तृणमूल सांसद के इन बयानों की वामपंथी दलों ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि इतनी संवेदनशील और दुखद घटना पर भी सांसद राजनीति कर रहे हैं।