
कोलकाता, 05 अक्टूबर। थोड़ी देर की मूसलधार बारिश ने उत्तर और दक्षिण बंगाल के विस्तृत इलाकों में भारी तबाही मचा दी है। केवल एक रात की लगातार बारिश से उत्तर बंगाल बुरी तरह प्रभावित हुआ है। दो लोहे के पुल बह गए, दार्जिलिंग, कालिम्पोंग, जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार के कई क्षेत्र जलमग्न हैं। दक्षिण बंगाल में भी तेज़ हवा, तूफान और जलभराव की स्थिति बन गई है।
इस भयावह हालात के बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि वह स्वयं उत्तर बंगाल जाएंगी और स्थिति का जायज़ा लेंगी।
रविवार को नवान्न (राज्य सचिवालय) से मुख्यमंत्री लगातार 24 घंटे स्थिति की निगरानी कर रही हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा, “पिछली रात उत्तर बंगाल में 12 घंटों में 300 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई है। इसके साथ भूटान और सिक्किम से अतिरिक्त जल प्रवाह आने के कारण तीस्ता सहित अन्य नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है, जिससे भयंकर स्थिति बन गई है।”
उन्होंने आगे लिखा, “इस आपदा में हमने अपने कई भाई-बहनों को खो दिया है। मैं उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं। राज्य सरकार मृतकों के परिवारों के साथ खड़ी है और हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।”
दार्जिलिंग, कालिम्पोंग, जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार जिलों के कई हिस्से पूरी तरह जलमग्न हैं। मिरिक, माटीगाड़ा और कालिम्पोंग में सबसे अधिक क्षति हुई है। मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, दो लोहे के पुल टूट गए हैं और कई सड़कों का संपर्क बाढ़ के पानी से कट गया है।
शनिवार रात से ही मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव मनोज पंथ, राज्य के डीजीपी, और उत्तर बंगाल के जिलाधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों के साथ कई वर्चुअल बैठकें कीं। इन बैठकों में मंत्री गौतम देव और अनीत थापा जैसे जनप्रतिनिधि भी शामिल थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं खुद स्थिति की निगरानी कर रही हूँ और सोमवार को मुख्य सचिव के साथ उत्तर बंगाल जा रही हूं।
उन्होंने आगे कहा, “जो लोग उत्तर बंगाल घूमने आए हैं, वे फिलहाल जहां हैं वहीं रहें। पुलिस उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाएगी। किसी तरह की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। राहत व बचाव कार्य तथा सभी खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।”
राज्य सरकार ने नवान्न और सभी जिला मुख्यालयों में 24 घंटे का कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिया है। आपदा प्रभावित लोग मदद के लिए नीचे दिए गए नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं।
नवान्न डिजास्टर मैनेजमेंट कंट्रोल रूम :