कोलकाता, 03 अक्टूबर। गहरे दबाव के कमजोर होकर निम्न दबाव में बदलने के बावजूद पश्चिम बंगाल के कई जिलों में भारी से अति भारी बारिश की संभावना बनी हुई है। भारतीय मौसम विभाग ने शुक्रवार को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में छह अक्टूबर तक बारिश का असर देखा जा सकता है।

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे हालात चक्रवात से पहले की स्थिति मानी जाती है। इस दौरान आम तौर पर तेज बारिश और झोंकों के साथ हवाएं चलती हैं।

पूर्वानुमान के मुताबिक, दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, अलीपुरद्वार, जलपाईगुड़ी और कूचबिहार जैसे उप-हिमालयी जिलों में पांच अक्टूबर तक सात से 20 सेंटीमीटर तक की भारी से अति भारी बारिश हो सकती है। वहीं दक्षिण बंगाल के बीरभूम, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, झाड़ग्राम, पुरुलिया, दक्षिण 24 परगना, मुर्शिदाबाद, पूर्व और पश्चिम बर्धमान तथा बांकुड़ा जिलों में सात से 11 सेंटीमीटर तक की भारी वर्षा का अनुमान लगाया गया है।

समुद्र तटवर्ती क्षेत्रों के लिए भी चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग ने मछुआरों को उत्तर और मध्य बंगाल की खाड़ी तथा बंगाल-ओडिशा तट से लगे समुद्री क्षेत्रों में शनिवार सुबह तक न जाने की सलाह दी है।

बीते 24 घंटे में राज्य के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। इस दौरान दक्षिण 24 परगना जिले के डायमंड हार्बर में सबसे अधिक 43.8 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। राजधानी कोलकाता और सॉल्ट लेक क्षेत्र में क्रमशः 26.7 मिलीमीटर और 26.6 मिलीमीटर बारिश हुई।